विद्या भारती विद्यालय* सरस्वती विद्या मंदिर में शिक्षा के साथ संस्कार का होता है बीजारोपण*
आज सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मोतीबाग , किशनगंज में त्रिदिवसीय वार्षिक आचार्य कार्यशाला के समापन दिवस के तृतीय सत्र में लोक शिक्षा समिति, उत्तर बिहार के माननीय प्रदेश सचिव श्री रामलाल सिंह जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। कार्यशाला के विगत सत्रों की समीक्षा करते हुए माननीय सचिव महोदय ने हम सबों को हर परिस्थिति में सकारात्मक सोच रखने की बात बताई। विद्या भारती के चार आयामों के गठन और उसके क्रियान्वयन तथा विस्तार के द्वारा ही विद्या भारती के मुख्य लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं और इसमें विद्या मंदिर के आचार्यों की मुख्य भूमिका है।समस्या के मूल का अध्ययन कर ही उसके निदान को आसानी से पा सकते हैं। संस्कृति बोध परियोजना के द्वारा ही भारत की संस्कृति, गौरवशाली इतिहास, प्राचीन ज्ञान विज्ञान, ऋषि मुनियों और अपनी परंपराओं, विचारधाराओं को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। लोगों में जीवन मूल्यों को स्थापित करना ही हिंदुत्व है। इसके साथ ही NEP नई शिक्षा नीति को कक्षा कक्ष तक किस तरह पहुंचाया जाए ये आचार्यों की जिम्मेदारी बताई।इस अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य बंधु भगिनी की उपस्थिति रही। कार्यशाला की उपादेयता पर बोलते हुए महोदय ने कहा कि विद्या भारती विद्यालय में बच्चों को शिक्षा के साथ साथ संस्कार देने का कार्य वर्षों से किया जा रहा है। आचार्य कार्यशाला का आयोजन विद्यालय के आचार्य और बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु किया जाता है जिसका पूर्ण रूपेण क्रियान्वयन होना चाहिए ऐसी बात विद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष श्री नंदकिशोर पोद्दार जी ने कही।
इस मौके पर विद्यालय के सभी आचार्य बंधु भगिनी की सहभागिता रही। अंत में विद्यालय के प्राचार्य महोदय श्री नागेंद्र कुमार तिवारी जी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।